- 10 Posts
- 35 Comments
११०० करोड़ के चंदे की अर्थव्यवस्था यदि ३५००० लोगो को स्थाई रोजगार दे सकती है, लाखों किसानो की आय बढ़ा सकती है, करोडो लोगो को तन और मन से स्वास्थ्य दे सकती है, तो स्वामी रामदेव जी भारत की सबसे बड़ी उपाधि देने योग्य हैं, पढ़े…अपना विचार साझा करे…
१-जिस खेती से लोगो का पेट भरता है और हम स्वस्थ और जिन्दा रहते है, उसी खेती पर सरकार पोषित व्यक्तियों और संस्थाओ ने सबसे ज्यादा हमला किया. सरकार ने जनता और किसानो को गुमराह करने वाले विज्ञापनों को टीवी और मिडिया में दिखलाया लेकिन उन्हें अनुसंधान के फायदेमंद चीजो से दूर रखा गया है. गाय जो की भारत की अर्थव्यवस्था की सीढ़ी है उनको काटने के लिए रोज नए नए वधशालाओ को खोला ज़ा रहा है और उनका मांस विदेशियों को खिलाने के लिए डिब्बो में भरकर भेजा ज़ा रहा है जब की हम गाय को माता कहकर पूजते हैं. पशु वध के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कांग्रेस की वोट की राजनीति है, एक सच्चा राष्ट्रवादी भारतीय अंग्रेजो की ३ अभिशाप शराब, गौ हत्या और वेश्यालयों का
पक्का विरोधी है.
२- जिन बिमाँरियो को दूर करने के लिए विदेशी कंपनियों की खरबो रुपये का व्यापार चल रहा है, उन्ही बिमारिओ को स्वामी जी ने भारत माता की खोख से पैदा हुए खर पतवार और योग से ही ठीक कर दिया वह भी स्थाई रूप से बिना किसी नुकसान के. साथ ही साथ लोगो में राष्ट्रवाद जगा कर भारत माता की लूट के प्रति लोगो को सजग किया.
३-जिस कालाधन के बारे में कांग्रेस अब तक लोगो को अँधेरे रखने में सफल रही थी उसी कालाधन को स्वामी जी ने उजागर करके लोगो में एक नयी आशा का संचार किया और लोग भारत के निर्माण में लगाने के लिए तैयार हुए.
४-स्वामी जी ही ने भारत स्वाभिमान के जरिये लोगो को बताया की योग, आयुर्वेद, विष मुक्त खेती, पशुधन, सूरज, भूसंपदा,नदी, भारत की भाषा और भारत की संस्कृति से कैसे भारत को विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बनाया ज़ा सकता है. सिर्फ सूरज की उर्जा का प्रयोग ही ५,००,००,००० लोगो के रोजगार का कारण बन सकता है, आयुर्वेद से सम्बंधित खेती और उदयोग ही ५,००,००,००० स्थाई रोजगार दे सकने में सक्षम होंगे. ट्रांजैक्शन टैक्स की व्यवस्था के लिए १,००,००,००० करोड़ नए लोगो को बैंकिंग में नौकरी मिल जाएगी. भारत में बनी खरबो की आयुर्वेदिक दवाओ का विदेशी व्यापार किया ज़ा सकता है. जैविक खेती को ध्यान में रखकर शुद्ध खेती और शुद्ध दूध पैदा करके भारत वंशियो को रोगी होने से बचाया ज़ा सकता है. यदि २०२० तक ३० करोड़ नौकरियों का दावा किया जाता है तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं है.
जिस क्रिकेट ने भारत के युवाओ को काहिल बना दिया, भारत के गौरवशाली खेलो को समाप्त कर दिया, जिसके प्रणेता हमेशा पेप्सी -कोला- सिगरेट – विदेशी उत्पादों का ही प्रचार करते रहे उनके लिए भारत रत्न देने की बात करना कहा तक ठीक है. भारत के असली नायक तो स्वामी रामदेव है जो अरबो की संपत्ति के बावजूद हमेशा बिना सिले दो सूती कपडे पहनते है और जमीन पर सोते है, क्या यह एक त्याग एक मिशाल नहीं जिसके लिए भारत माता प्रसिद्द हैं.
जय भारत
Read Comments